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मोहन भागवत का बड़ा बयान: बंगाल, बाबरी मस्जिद और बांग्लादेश में हिंदुओं पर चिंता

मोहन भागवत का बड़ा बयान: बंगाल, बाबरी मस्जिद और बांग्लादेश में हिंदुओं पर चिंता

मोहन भागवत का बयान: एकजुटता, राजनीति और बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर चिंता

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में कई अहम मुद्दों पर अपने विचार रखे, जिनमें पश्चिम बंगाल की स्थिति, बाबरी मस्जिद से जुड़ा विवाद और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार शामिल हैं। उनके ये बयान राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय बने हुए हैं।

बंगाल को लेकर क्या बोले मोहन भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि यदि हिंदू समाज एकजुट होकर खड़ा हो जाए, तो पश्चिम बंगाल में मौजूदा हालात को बदलने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। उनका कहना था कि समाज की संगठित शक्ति से सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों में बदलाव संभव है।

बाबरी मस्जिद विवाद पर टिप्पणी

RSS प्रमुख ने बाबरी मस्जिद से जुड़े मुद्दे को दोबारा उठाए जाने को एक “राजनीतिक षड्यंत्र” बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के विवादों को जानबूझकर फिर से हवा दी जा रही है और इसके पीछे मुख्य उद्देश्य वोट बैंक की राजनीति है। उनके अनुसार, ऐसे मुद्दे समाज में तनाव बढ़ाने का काम करते हैं।

बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति

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मोहन भागवत ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं और उनके हालात काफी कठिन हैं। उन्होंने इशारा किया कि पड़ोसी देश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और इस विषय पर संवेदनशीलता के साथ विचार होना चाहिए।

निष्कर्ष

मोहन भागवत के ये बयान एक बार फिर समाज, राजनीति और अल्पसंख्यक मुद्दों को लेकर बहस को तेज कर रहे हैं। जहां एक ओर उनके समर्थक इन बयानों को सामाजिक चेतना से जोड़कर देख रहे हैं, वहीं आलोचक इन्हें राजनीतिक संदर्भ में रखकर विश्लेषण कर रहे हैं।


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