विवेक अग्निहोत्री का संदेश — “नकारने वालों को भूल जाओ” : ‘Dhurandhar’ की कामयाबी पर रणवीर-आदित्य धर को दी बधाई
- byAman Prajapat
- 09 December, 2025
पलकों पर थिरकी उम्मीद, और सीने में जल उठी प्रतिभा —
जब Vivek Ranjan Agnihotri ने अपने सोशल-मीडिया पोस्ट में लिखा,
“BRAVO @AdityaDharFilms and @RanveerOfficial, Go, knock it out of the park. Forget the naysayers… Go celebrate.”
तो लगा जैसे पुरानी हिम्मत, नया सुर उठा रही हो।
🎬 क्यों है ये समर्थन खास
Vivek जैसा निर्देशक, जिसने पहले भी अपनी फिल्में बनाकर बॉलीवुड के औजारों, धारणाओं और सहज स्वीकार्यता को चुनौती दी है — उसने जाना है कि “ऐसी फिल्में बनाना कितना मुश्किल होता है जो सिस्टम के खिलाफ जाएँ।”
Dhurandhar खुद एक ऐसा प्रोजेक्ट है — जो पारंपरिक मसालेदार फिल्मों से अलग, जासूसी, गहराई, और कच्चे हक़ीक़त-जैसे रंग में रंगा हुआ है।
वो फिल्म जिसे बनाने की हिम्मत चाहिए थी — और उस हिम्मत ने रंग दिखाया है।
इसलिए, Agnihotri का ये खुला सपोर्ट न सिर्फ सम्मान है, बल्कि इंडस्ट्री में एक संदेश — कि “अगर आपने दिल से, जान से कुछ किया है, तो आलोचना के शोर में भी अपना सिर ऊँचा रखो।”
Dhurandhar — कहानी, कोशिश और कामयाबी का संगम
Dhurandhar, निर्देशित है Aditya Dhar द्वारा, जिसमें मुख्य भूमिका निभा रहे हैं Ranveer Singh, और साथ ही फिल्म में हैं Akshaye Khanna, R. Madhavan, Arjun Rampal, Sanjay Dutt जैसे बड़े कलाकार।
यह फिल्म सिर्फ मनोरंजन नहीं — जासूसी, देश-सेना, अंडरवर्ल्ड, खुफिया मिशन जैसे गहरे, संवेदनशील और जोखिम भरे विषयों को बड़े पर्दे पर ले आती है।
Dhurandhar की लंबाई 214 मिनट है — इसे एक साहसिक प्रयास माना गया, क्योंकि ऐसी लंबी स्पाई-थ्रिलर फिल्मों की हिम्मत पूरी इंडस्ट्री में कम ही होती है।
बॉक्स-ऑफिस पर Dhurandhar का तूफ़ानी सफर
रिलीज़ के पहले चार दिन में ही, Dhurandhar ने भारत में ₹126 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया।
ट्रेड जानकारों के मुताबिक, पहली वीकेंड में ही यह फिल्म ₹100 करोड़ क्लब में शामिल हो गई — जो आजकल हर फिल्म के बस की नहीं होती।
मीडिया रिपोर्ट्स कह रही हैं कि Dhurandhar, एक्शन-थ्रिलर होते हुए भी दर्शकों को बाँधे रखने में कामयाब रही — जो कि सिर्फ बड़े बजट और दमदार स्टारकास्ट की वजह से नहीं, बल्कि कहानी, निर्देशन और वर्ल्ड-बिल्डिंग की वजह से है।

Agnihotri का संदेश — सिर्फ तारीफ नहीं, भरोसा है
विवेक अग्निहोत्री ने Dhurandhar को सिर्फ एक फिल्म नहीं माना। उनके लिए यह उस हिम्मत का प्रतीक है, जो किसी अप्रचलित रास्ते पर चली — जहां आसान मंज़िल नहीं, बल्कि संघर्ष, आलोचना, डर और पूर्वाग्रहों की दीवारें थीं।
उनकी यह बात दिल को छू जाती है —
“मुझे पता है ऐसी फिल्में बनाना कितना मुश्किल है जो सिस्टम के खिलाफ जाएँ”
और फिर, उन्होंने कहा: नकारने वालों की टोक के आगे झुको मत, अपनी जीत का जश्न मनाओ।
क्यों है ये क्षण बॉलीवुड के लिए मायने रखता
इस जज्बे ने बॉलीवुड में एक पुरानी परंपरा याद दिलाई — कि सिनेमा सिर्फ चमक-धमक, रोमांस या गानों तक सीमित नहीं होना चाहिए; वो खतरों, सच्चाई, खुफिया झंझटों, अर्थपूर्ण कहानियों के लिए भी हो सकता है।
अगर Dhurandhar सफल होती है — तो यह साबित होगा कि दर्शक सिर्फ दिखावे से नहीं, असलियत से जुड़ना चाहते हैं। और अगर प्रतिभा, मेहनत और विश्वास है — तो चाहे राह कितनी भी मुश्किल हो, मंज़िल मिल ही जाती है।
अंत में — Vivek Agnihotri का संदेश, Dhurandhar की सफलता, और रणवीर-आदित्य धर की मेहनत — यह सब एक चोट पर कहता है: अगर तुम सही हो, तो नकारने वालों की आवाज़ें धुंधली पड़ जाती हैं। बस अपनी जीत को जियो।
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