काइरोप्रैक्टर ने बताया सिर्फ 1 आसान मूवमेंट, जिससे पता चल जाएगा आपके कंधों के जोड़ स्वस्थ हैं या नहीं; और 1 स्ट्रेच जो दर्द जड़ से ठीक कर सकता है
- byAman Prajapat
- 16 December, 2025
आज की भागदौड़ वाली ज़िंदगी में कंधे वो हिस्सा बन चुके हैं जो सबसे पहले थकते हैं और सबसे आख़िर में ठीक होते हैं। दादी-नानी के ज़माने में शरीर रोज़ चलता था, खेत-खलिहान थे, मेहनत थी। आज? मोबाइल, लैपटॉप और घंटों एक ही पोज़ में बैठना। नतीजा — कंधों में दर्द, जकड़न और अजीब-सी क्लिक की आवाज़।
इसी मुद्दे पर एक अनुभवी काइरोप्रैक्टर ने ऐसा सीधा-सादा तरीका बताया है जो दिखने में मामूली लगता है, लेकिन सच में आपकी शोल्डर हेल्थ की पूरी कहानी खोल देता है।
कंधों के जोड़ क्यों इतने ज़रूरी हैं?
कंधे का जोड़ शरीर का सबसे ज़्यादा मूव करने वाला जोड़ होता है। हाथ ऊपर उठाना, पीछे ले जाना, कुछ उठाना, कपड़े पहनना — सब कुछ कंधों पर टिका है।
अगर ये जोड़ सही से काम नहीं कर रहे, तो दर्द सिर्फ कंधे तक सीमित नहीं रहता। गर्दन, पीठ और बाजुओं तक फैल जाता है।
और हां, सच कड़वा है — दर्द तब शुरू होता है जब नुकसान पहले ही हो चुका होता है।
काइरोप्रैक्टर द्वारा बताया गया 1 आसान मूवमेंट टेस्ट
इस टेस्ट को करने के लिए किसी मशीन, डॉक्टर या दवाई की जरूरत नहीं।
कैसे करें:
सीधे खड़े हो जाएं
एक हाथ को ऊपर उठाकर सिर के पीछे ले जाएं
कोशिश करें कि हथेली पीठ के ऊपरी हिस्से को छुए
अब यही प्रक्रिया दूसरे हाथ से दोहराएं
अगर ये हो रहा है:
हाथ आसानी से पीछे जाता है
दर्द या खिंचाव नहीं होता
दोनों हाथों में लगभग समान मूवमेंट है
तो समझिए आपके कंधों के जोड़ फिलहाल ठीक-ठाक काम कर रहे हैं।
अगर ये दिक्कतें आएं:
हाथ आधे रास्ते में रुक जाए
तेज दर्द या जलन हो
एक कंधा ज्यादा टाइट लगे
क्लिक या चरमराहट की आवाज आए
तो ये साफ संकेत है कि आपके कंधों को तुरंत ध्यान चाहिए।
अब असली इलाज: काइरोप्रैक्टर का सुझाया 1 असरदार स्ट्रेच
पुराने ज़माने में लोग बिना नाम जाने ये स्ट्रेच रोज़मर्रा के कामों में कर लेते थे। आज इसे एक्सरसाइज कहा जाता है।
स्ट्रेच करने का तरीका:
सीधे खड़े हो जाएं या आराम से बैठें
एक हाथ को सामने से लाकर दूसरे कंधे की तरफ ले जाएं
दूसरे हाथ से उस बाजू को हल्के से सीने की तरफ खींचें
20 से 30 सेकंड तक उसी स्थिति में रहें
अब हाथ बदलें
दिन में कितनी बार?
कम से कम 2 से 3 बार।
सुबह उठते ही और रात को सोने से पहले — बेस्ट टाइम।
ये स्ट्रेच कैसे काम करता है?
कंधे की जमी हुई मांसपेशियों को ढीला करता है
ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है
जॉइंट की मूवमेंट वापस लाता है
लंबे समय से जमा तनाव को धीरे-धीरे खत्म करता है
कोई चमत्कार नहीं, बस शरीर को वही देना जो वो सालों से मांग रहा है।

किन लोगों को ये जरूर करना चाहिए?
जो दिनभर मोबाइल या लैपटॉप इस्तेमाल करते हैं
जिनका काम बैठकर करने वाला है
जिम में वेट उठाते हैं
जिनके कंधों में सुबह जकड़न रहती है
जिन्हें गर्दन से हाथ तक दर्द जाता है
एक कड़वा लेकिन ज़रूरी सच
दर्द की गोली समस्या को दबाती है, खत्म नहीं करती।
कंधों के जोड़ मशीन नहीं हैं जिन्हें तेल डालकर छोड़ दिया जाए। इन्हें रोज़ हलचल चाहिए, सही दिशा में।
पुरानी पीढ़ी का ज्ञान यही कहता था — “शरीर चलता रहेगा, तो शरीर साथ देगा।”
आख़िरी बात
अगर आज आपने ये टेस्ट किया और हल्की-सी भी दिक्कत महसूस हुई, तो इसे नजरअंदाज मत करो।
ये स्ट्रेच कोई ट्रेंड नहीं, बल्कि शरीर की बुनियादी ज़रूरत है।
कंधे मजबूत होंगे, तो रीढ़ सीधी रहेगी।
रीढ़ सीधी रहेगी, तो ज़िंदगी आसान लगेगी।
सीधा-सादा इलाज, बिना दिखावे के — यही असली फिटनेस है।
Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.
देखिए सुष्मिता सेन...
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