DGCA ने 100+ IndiGo उड़ानें रद्द कीं — परिचालन समीक्षा के बीच अब व्यापक गिरावट
- byAman Prajapat
- 09 December, 2025
पंजाब से लेकर तमिलनाड़ु तक — देशभर में विमान यात्रियों के लिए Directorate General of Civil Aviation (DGCA) के इस हठ-निर्णय ने बड़ा कहर ला दिया है। IndiGo, जो देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन है, को अचानक 100 से ज्यादा उड़ानों को रद्द करना पड़ा — और उसके बाद जो हुआ, वो इतिहास में दर्ज हो जाएगा।
🔹 क्या हुआ — फ्लाइट्स रद्दीकरण और परिचालन दिक्कतें
DGCA ने एयरलाइन से स्पष्टीकरण मांगा, क्योंकि नवंबर माह में IndiGo ने कुल 1,232 उड़ानें रद्द की थीं।
DGCA के अनुसार, इनमें से 755 रद्दीकरणों का कारण पायलट व चालक दल की कमी और नए लागू हुए FDTL (Flight Duty Time Limitations) नियम थे।
अन्य उड़ान रद्द होने के कारणों में शामिल थे: तकनीकी समस्याएं, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) गड़बड़ी, एयरस्पेस या हवाई अड्डा-प्रबंध संबंधित प्रतिबंध।
IndiGo की ऑन-टाइम-परफॉर्मेंस (OTP) नवंबर में गिरकर 67.7% पर आ गई — अक्टूबर में यह 84.1% थी।
🔹 क्यों? — कारण और जिम्मेदारियाँ
सबसे महत्वपूर्ण वजह है नया FDTL नियम। इस नियम में पायलटों और चालक दल के काम करने के घंटे, उनकी विश्राम अवधि और रात की उड़ानों पर सीमितियाँ तय की गई थीं। नवंबर 2025 में FDTL का नया चरण पूरी तरह लागू हुआ — लेकिन IndiGo ने अपनी सेवाओं की समीक्षा और योजना तैयारी में पर्याप्त बदलाव नहीं किया।
एयरलाइन ने स्वीकार किया है कि परिचालन दबाव, सर्दियों के रूट शेड्यूल बदलाव, मौसम, हवाई अड्डों व ATC-सम्बंधित चुनौतियाँ और तकनीकी खामियाँ — ये सब मिलकर उम्मीद से बहुत बड़े व्यवधान में बदल गए।
DGCA का कहना है कि कुछ कारण एयरलाइन के नियंत्रण से बाहर भी थे — पर उनका कार्य प्रबंधन, पायलट एवं क्रू-रोस्टरिंग योजना, और संसाधन प्रबंधन इन परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रभावी नहीं रहा।
🔹 DGCA की कार्रवाई — क्यों फ्लाइट कटौती और समीक्षा
DGCA ने IndiGo को निर्देश दिया है कि अपनी उड़ानों का शेड्यूल 5% तक घटाया जाए — ताकि वास्तविक परिचालन क्षमता के अनुरूप उड़ाने संचालित हो सकें।
नियामक ने एयरलाइन से “मिटिगेशन प्लान” — अर्थात् सुधारात्मक योजना — मांगी है। IndiGo को दो दिन के भीतर अपनी स्थिति साफ करते हुए, यह बताना होगा कि आगे किस तरह से परिचालन स्थिरता बहाल करेंगे।
DGCA ने यह भी कहा है कि भविष्य में यदि एयरलाइन नियमानुसार नहीं हुई, तो और भी सख्ती संभव है।
🔹 यात्रियों की परेशानी — असुविधा, गुस्सा, भरोसा टूटा
देश के बड़े-बड़े एयरपोर्ट जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद आदि पर यात्रियों ने घंटों इंतजार किया, फ्लाइट कैंसिलेशन की जानकारी देर से मिली। कई लोग फंसे रहे — उनके सफर, योजनाएँ, मीटिंग्स, काम सब प्रभावित हुआ।
सोशल मीडिया और एयरपोर्ट पर यात्री नाराज हुए; टिकट रद्दीकरण, रिफंड, रीरूटिंग — हर तरफ हंगामा रहा।
कई यात्रियों ने परेशान होकर कहा कि वो अब IndiGo से यात्रा नहीं करना चाहेंगे — भरोसा टूट चुका है। (हालाँकि यह भावना अलग-अलग स्तर की रही।)

🔹 IndiGo का जवाब और भविष्य की रणनीति
IndiGo ने एक बयान जारी कर कहा कि यह बेहतरीन प्रयास कर रही है — प्रभावित यात्रियों को बदले में विकल्प और रिफंड दे रही है। साथ ही, अगले 48 घंटे में “calibrated adjustments to schedules” करके परिचालन को स्थिर करने की कोशिश करेगी।
एयरलाइन ने स्वीकार किया है कि उन्होंने पायलट रोस्टरिंग और FDTL नियमों के अनुसार प्रबंधन में चूक की है। उन्हें नई Crew-Planning और संसाधन बढ़ाने की आवश्यकता है।
IndiGo का कहना है कि वे अपना नेटवर्क धीरे-धीरे पुनर्स्थापित कर रही हैं — और उम्मीद है कि पूरी तरह परिचालन सुचारू होने में समय लगेगा, शायद फरवरी 2026 तक।
🔹 इस घटना का विमानन-क्षेत्र और यात्रियों पर बड़ा असर
इस संकट ने दिखा दिया कि जब बाजार में एक एयरलाइन के पास अत्यधिक प्रभुत्व हो — और वह अपनी योजनाओं और संसाधनों में कमी कर दे — तो आम जनता प्रभावित होती है।
यात्रियों का भरोसा उड़ान-संकट, शेड्यूल अस्थिरता, कैंसिलेशन और रिफंड-झंझट की वजह से टूट गया। कई लोगों ने कहा कि इस घटना के बाद वे अगली बार IndiGo से यात्रा नहीं करेंगे।
नियामक (DGCA) और सरकार (उड्डयन विभाग) पर सवाल उठे कि उन्होंने एयरलाइंस को पर्याप्त सलाह, देख-रेख व सावधानी क्यों नहीं बरकरार रखी। भविष्य के लिए एयर यात्री सुरक्षा, पायलट आराम, संसाधन प्रबंधन आदि पर कड़ी निगरानी की जरूरत है।
🔹 निष्कर्ष: ऐतिहासिक चेतावनी — स्थिरता ही सुरक्षा
यह जिसे हम “इतिहास” कह सकते हैं — एक ऐसा मोड़, जहाँ एयरलाइंस की विशालता, सरलता और व्यावसायिकता के अहंकार ने एक बड़े बहकावे में बदलकर हजारों लोगों की मुश्किलें बना दीं। नया FDTL नियम — यात्रियों की सुरक्षा और पायलटों की थकान से बचने के लिए — एक सही कदम था। मगर उसे लागू करने से पहले तैयार रहना एक ज़रूरी जिम्मेदारी थी।
अब, DGCA की सख्ती, IndiGo की नई रणनीति और विमानन-उद्योग की सावधानी — ये सब तय करेंगे कि भारत विमानन में भरोसा फिर लौट पाएगा या नहीं। यात्रियों को अब सचेत रहना होगा — उड़ान बुक करते समय स्टेटस चेक करना, बैक-अप योजना रखना — ख़ासकर ऐसे समय में जब एयरलाइंस बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही हों।
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