“मैं खुद से नफरत करता था”: डेब्यू फिल्म में ‘बहुत सख़्त’ होने पर अर्जुन रामपाल का बड़ा कबूलनामा, लुक्स पर मिली शोहरत ने किया कन्फ्यूज़
- byAman Prajapat
- 24 December, 2025
बॉलीवुड की चकाचौंध जितनी बाहर से चमकदार दिखती है, अंदर से उतनी ही उलझनों और आत्मसंघर्षों से भरी होती है। इस चमकती दुनिया के पीछे छिपी सच्चाई को हाल ही में अभिनेता अर्जुन रामपाल ने बेहद ईमानदारी और बेबाकी से सामने रखा है।
अपने करियर की शुरुआत को याद करते हुए अर्जुन रामपाल ने ऐसा कबूलनामा किया है, जो न सिर्फ उनके फैंस को चौंकाता है, बल्कि इंडस्ट्री में आने वाले हर नए कलाकार के दिल की बात भी कहता है।
🎭 डेब्यू फिल्म और खुद से नफरत
अर्जुन रामपाल ने स्वीकार किया कि जब उन्होंने अपनी पहली फिल्म में खुद को पर्दे पर देखा, तो उन्हें खुद से नफरत हो गई थी। उनका कहना था कि वह स्क्रीन पर “बहुत ज़्यादा सख़्त (too stiff)” दिखाई दे रहे थे।
उनके शब्दों में,
“मैं खुद को देखकर खुश नहीं था। मुझे लगा मैं एक्टिंग नहीं कर पा रहा हूँ, बस खड़ा हूँ।”
ये वो दौर था जब मॉडलिंग से फिल्मों में आए कलाकारों को अक्सर सिर्फ उनके चेहरे और बॉडी तक सीमित कर दिया जाता था। अर्जुन भी इससे अछूते नहीं रहे।
💄 लुक्स की तारीफ बनी उलझन
अर्जुन रामपाल का चेहरा, उनकी लंबाई और पर्सनैलिटी—ये सब शुरू से ही चर्चा में रहे। लेकिन उन्होंने माना कि शुरुआत में मिलने वाली तारीफ और ध्यान उन्हें खुशी नहीं, बल्कि कन्फ्यूजन देता था।
लोग उनकी एक्टिंग से ज्यादा उनके लुक्स की बात करते थे।
कोई कहता—“तुम बहुत हैंडसम हो”
कोई कहता—“तुम स्क्रीन पर कमाल लगते हो”
पर कोई ये नहीं कहता था कि
👉 “तुम अच्छा एक्ट करते हो”
और यही बात उन्हें अंदर ही अंदर खा रही थी।
🧠 आत्मसंघर्ष और सीखने की प्रक्रिया
अर्जुन रामपाल ने माना कि उन्होंने खुद पर काम करना शुरू किया। उन्होंने एक्टिंग को सीरियसली लिया, खुद को तोड़ा, फिर से बनाया।
उनका मानना है कि
“अगर आप खुद से खुश नहीं हैं, तो दुनिया की तारीफ भी खोखली लगती है।”
यही वजह रही कि बाद के वर्षों में उन्होंने ‘रॉक ऑन!!’, ‘राजनीति’, ‘ओम शांति ओम’ और ‘डॉन’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से सबको चुप करा दिया।

🔥 आज का अर्जुन रामपाल
आज अर्जुन रामपाल सिर्फ एक हैंडसम फेस नहीं, बल्कि एक नेशनल अवॉर्ड विनर, गंभीर अभिनेता और अपनी बात खुलकर रखने वाले इंसान हैं।
उन्होंने ये भी साफ किया कि इंडस्ट्री में टिके रहने के लिए सिर्फ लुक्स काफी नहीं होते—
कला, धैर्य और खुद से ईमानदारी ज़रूरी है।
🎬 युवाओं के लिए संदेश
अर्जुन रामपाल की ये कहानी हर उस युवा के लिए आईना है, जो किसी भी फील्ड में शुरुआत कर रहा है और खुद को अधूरा महसूस करता है।
गलतियां होंगी
आत्मसंदेह होगा
खुद से नफरत भी आएगी
लेकिन अगर आप रुके नहीं—तो वही कमजोरी आपकी ताकत बन जाती है।
✨ निष्कर्ष
अर्जुन रामपाल का ये कबूलनामा बॉलीवुड की चमकदार दुनिया के पीछे छिपी सच्चाई को उजागर करता है। यह बताता है कि सफलता सिर्फ तालियों से नहीं, बल्कि आत्मसंघर्ष और आत्मस्वीकृति से मिलती है।
पुराने ज़माने की मेहनत, आज की ईमानदारी और कल की उम्मीद—यही अर्जुन रामपाल की कहानी है।
और सच कहें तो, यही हर असली कलाकार की पहचान है। 🎭🔥
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