7 राज्यों में दिल्ली पुलिस का बड़ा ऐक्शन: डिजिटल फ्रॉड के जाल में फंसे 10 शातिर ठग दबोचे गए
- byAman Prajapat
- 16 December, 2025
डिजिटल युग में ठगी की नई तस्वीर
एक दौर था जब ठगी आमने-सामने होती थी। आज ठग स्क्रीन के पीछे बैठकर उंगलियों से जाल बुनते हैं। मोबाइल की एक घंटी, एक मैसेज, एक लिंक — और मेहनत की कमाई हवा हो जाती है। इसी अंधेरे को चीरते हुए दिल्ली पुलिस ने बड़ा वार किया है।
7 राज्यों में एक साथ कार्रवाई
दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने देश के सात अलग-अलग राज्यों में एक साथ छापेमारी कर डिजिटल फ्रॉड के संगठित नेटवर्क का पर्दाफाश किया। यह कोई छोटा मोटा खेल नहीं था, बल्कि एक ऐसा गिरोह था जो देशभर में लोगों को ठग रहा था।
10 शातिर जालसाज गिरफ्त में
इस संयुक्त अभियान में 10 शातिर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। ये आरोपी अलग-अलग राज्यों में बैठकर एक ही स्क्रिप्ट पर काम कर रहे थे —
फर्जी कॉल
नकली बैंक अधिकारी बनना
केवाईसी अपडेट का डर
इनाम और लोन का लालच
कैसे चलता था डिजिटल फ्रॉड का खेल
ठगों का तरीका पुराना नहीं, पर असरदार था:
पहले डेटा जुटाया जाता
फिर भरोसेमंद आवाज़ में कॉल
डर या लालच का तड़का
लिंक या ओटीपी
और कुछ ही मिनटों में खाता खाली
सीधी बात — मासूम लोग निशाना बनते रहे।
देशभर में फैला नेटवर्क
जांच में सामने आया कि यह गिरोह किसी एक शहर तक सीमित नहीं था। इनके तार कई राज्यों से जुड़े थे। अलग-अलग बैंक खाते, फर्जी सिम कार्ड, और डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल कर पैसे घुमाए जाते थे ताकि पकड़ में न आएं।
तकनीक का गलत इस्तेमाल
जहाँ एक तरफ तकनीक विकास का रास्ता है, वहीं दूसरी तरफ यही तकनीक अपराध का हथियार बन रही है। ये आरोपी मोबाइल एप, वर्चुअल नंबर और फर्जी पहचान के सहारे लोगों को ठगते थे।
दिल्ली पुलिस की रणनीति
दिल्ली पुलिस ने महीनों तक
तकनीकी निगरानी
कॉल डिटेल विश्लेषण
बैंक लेन-देन की जांच
डिजिटल ट्रैकिंग
के बाद इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। यह कार्रवाई साबित करती है कि कानून अब पीछे नहीं, बराबरी से चल रहा है।

जनता के लिए साफ संदेश
यह कार्रवाई सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, चेतावनी भी है:
कोई भी बैंक ओटीपी फोन पर नहीं मांगता
कोई सरकारी अधिकारी व्हाट्सऐप से लिंक नहीं भेजता
लालच और डर, दोनों ठगी के हथियार हैं
साइबर अपराध पर बढ़ती चिंता
देश में डिजिटल लेन-देन बढ़ा है, तो अपराध भी बढ़ा है। लेकिन राहत की बात यह है कि पुलिस भी अब तकनीक में माहिर हो रही है।
आगे की जांच जारी
पुलिस को शक है कि इस गिरोह से जुड़े और भी लोग हो सकते हैं। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।
परंपरा और वर्तमान का टकराव
पुराने ज़माने में भरोसा आमने-सामने बनता था। आज भरोसा स्क्रीन पर बनता है — और वहीं टूटता भी है। समय बदल गया है, पर सतर्कता अब भी वही पुरानी सीख है।
सच यही है
डिजिटल दुनिया में चालाक वही है जो जागरूक है। पुलिस अपना काम कर रही है, अब जनता की बारी है कि वह समझदारी दिखाए।
निष्कर्ष
दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई डिजिटल ठगों के लिए सीधा संदेश है — कानून की नजर से बचना अब आसान नहीं। और आम लोगों के लिए यह सबक कि तकनीक का इस्तेमाल सोच-समझकर करें, वरना एक क्लिक ज़िंदगी भारी पड़ सकता है।
Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.
राजस्थान में अपराधों...
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