जिम में बेंच प्रेस करते वक्त 55 वर्षीय ब्राज़ीलियाई व्यक्ति की मौत, न्यूरोसर्जन की चेतावनी: “ये एक गलती आपकी जान ले सकती है”
- byAman Prajapat
- 24 December, 2025
जिम — जिसे लोग सेहत, ताक़त और लंबी उम्र का रास्ता मानते हैं — वही जगह कभी-कभी जानलेवा भी बन सकती है। ब्राज़ील से आई एक दर्दनाक खबर ने पूरी दुनिया के फिटनेस प्रेमियों को हिला कर रख दिया है।
एक 55 वर्षीय ब्राज़ीलियाई व्यक्ति की जिम में बेंच प्रेस करते समय अचानक मौत हो गई। यह हादसा न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि डराने वाला भी — क्योंकि जो गलती यहां हुई, वही गलती लाखों लोग रोज़ जिम में दोहराते हैं।
⚠️ क्या हुआ था जिम के अंदर?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, व्यक्ति रोज़ की तरह जिम में वर्कआउट कर रहा था। बेंच प्रेस के दौरान उसने भारी वजन उठाने की कोशिश की। कुछ सेकंड बाद ही वह असहज दिखने लगा, सांस तेज़ हो गई और अचानक वह बेंच पर ही गिर पड़ा।
जिम स्टाफ ने तुरंत मदद करने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
🧠 न्यूरोसर्जन ने क्यों दी ‘जान बचाने वाली सलाह’?
इस घटना के बाद एक वरिष्ठ न्यूरोसर्जन ने सोशल मीडिया और मेडिकल प्लेटफॉर्म्स पर चेतावनी जारी की। उन्होंने साफ कहा:
“भारी वजन उठाते समय सांस रोकना या गलत तरीके से ज़ोर लगाना दिमाग में अचानक दबाव बढ़ा सकता है — जिससे ब्रेन हेमरेज, स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट तक हो सकता है।”
यानी जो लोग बेंच प्रेस या कोई भी हैवी लिफ्ट करते समय सांस रोक लेते हैं, वे सीधे अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैं।
🫁 सांस रोकना क्यों है सबसे खतरनाक गलती?
जिम में एक आम आदत है — वजन उठाते समय सांस रोक लेना। इसे मेडिकल भाषा में Valsalva Maneuver कहा जाता है।
इससे होता क्या है?
ब्लड प्रेशर अचानक तेज़ी से बढ़ता है
दिमाग की नसों पर ज़ोर पड़ता है
दिल पर अचानक दबाव आता है
ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है
खासकर 40 साल से ऊपर के लोगों के लिए यह बेहद खतरनाक है।
💀 पोस्टमार्टम में क्या सामने आया?
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुरुआती जांच में ब्रेन हेमरेज और कार्डियक फेल्योर की आशंका जताई गई है। डॉक्टरों का मानना है कि अत्यधिक दबाव और गलत ब्रीदिंग टेक्नीक इसकी बड़ी वजह हो सकती है।
🏋️♂️ क्या जिम जाना अब सुरक्षित नहीं रहा?
साफ बात — जिम खतरनाक नहीं है, आपकी लापरवाही खतरनाक है।
न्यूरोसर्जन और फिटनेस एक्सपर्ट्स का कहना है कि:
बिना ट्रेनर के हैवी वेट उठाना
उम्र के हिसाब से वर्कआउट न करना
मेडिकल चेकअप के बिना एक्सरसाइज़ शुरू करना
और “ईगो लिफ्टिंग” (दूसरों को देखकर ज़्यादा वजन उठाना)
ये सब मौत को खुला न्योता देने जैसा है।
✅ न्यूरोसर्जन की 7 ज़रूरी Life-Saving Tips
कभी भी सांस रोककर वजन न उठाएं
हैवी वेट से पहले डॉक्टर से चेकअप कराएं
40+ उम्र में हल्का और नियंत्रित वर्कआउट करें
बेंच प्रेस हमेशा स्पॉटर के साथ करें
सीने में दर्द, चक्कर या धुंधलापन लगे तो तुरंत रुकें
“आज ज़्यादा उठाना है” वाला एटीट्यूड छोड़ें
फिटनेस का मतलब लंबी उम्र है, दिखावा नहीं
🧓 बुज़ुर्गों और मिड-एज लोगों के लिए खास चेतावनी
डॉक्टरों का कहना है कि 50 साल के बाद शरीर की नसें और दिल उतना दबाव सहन नहीं कर पाते जितना 20-25 की उम्र में। इसलिए वही रूटीन फॉलो करना जानलेवा हो सकता है।
🌍 यह घटना क्यों पूरी दुनिया के लिए सबक है?
क्योंकि यह कोई अकेला केस नहीं है। पिछले कुछ सालों में जिम के अंदर अचानक मौत के मामले दुनियाभर में बढ़े हैं — और ज्यादातर मामलों में वजह वही है:
ओवरकॉन्फिडेंस
गलत टेक्नीक
शरीर की सीमा को न समझना
🔚 निष्कर्ष (Conclusion)
यह हादसा सिर्फ एक खबर नहीं, एक चेतावनी है।
जिम आपकी ज़िंदगी सुधारने के लिए है, खत्म करने के लिए नहीं।
अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य जिम जाता है, तो यह जानकारी साझा करें।
क्योंकि कभी-कभी एक सही सांस लेना भी आपकी जान बचा सकता है।
Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.
देखिए सुष्मिता सेन...
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