7 राज्यों में ताबड़तोड़ छापेमारी, मुंबई एयरपोर्ट तक पीछा; दिल्ली पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी
- byAman Prajapat
- 17 December, 2025
देश की कानून व्यवस्था के इतिहास में कुछ ऑपरेशन ऐसे होते हैं जो आने वाले वक्त के लिए मिसाल बन जाते हैं। दिल्ली पुलिस की हालिया कार्रवाई भी कुछ ऐसी ही है—सटीक योजना, पुराने स्कूल की मेहनत और आधुनिक तकनीक का जबरदस्त मेल। सात राज्यों में एक साथ छापेमारी, फिर मुंबई एयरपोर्ट तक पीछा, और आखिरकार अपराध की कमर तोड़ देने वाली कामयाबी। ये कोई फिल्मी स्क्रिप्ट नहीं, बल्कि ज़मीनी हकीकत है।
कैसे शुरू हुआ पूरा मामला
दिल्ली पुलिस को पिछले कुछ समय से एक संगठित अपराध गिरोह की गतिविधियों की भनक मिल रही थी। शुरुआती जानकारी छोटे-छोटे सुरागों से मिली—कॉल रिकॉर्ड, डिजिटल लेनदेन, संदिग्ध यात्राएं और नकली पहचान। पुराने ज़माने की पुलिसिंग कहती है कि धागा पकड़ो और खींचते जाओ, गांठ खुद खुलती जाती है। बस वही किया गया।
सात राज्यों में एक साथ कार्रवाई
जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, नेटवर्क फैलता गया। अपराधियों के तार एक नहीं, बल्कि कई राज्यों से जुड़े निकले। दिल्ली पुलिस ने समय गंवाए बिना एक साथ सात राज्यों में छापेमारी की रणनीति बनाई। मकसद साफ था—एक भी कड़ी ढीली नहीं छोड़नी।
अलग-अलग टीमों का गठन
स्थानीय पुलिस के साथ तालमेल
एक तय समय पर एक्शन
सबूतों को सुरक्षित करने की पुख्ता व्यवस्था
इस समन्वित कार्रवाई ने अपराधियों को संभलने का मौका ही नहीं दिया।
मुंबई एयरपोर्ट तक पीछा
जांच के दौरान यह साफ हो गया कि गिरोह के कुछ अहम सदस्य देश छोड़ने की फिराक में हैं। मुंबई एयरपोर्ट इस पूरे ऑपरेशन का सबसे नाजुक मोड़ साबित हुआ। दिल्ली पुलिस की टीम ने बिना शोर मचाए, पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत एयरपोर्ट पर निगरानी बढ़ाई।
यहीं पर पुराने ज़माने की धैर्य वाली पुलिसिंग दिखी—न कोई जल्दबाज़ी, न कोई दिखावा। सही वक्त का इंतज़ार और फिर सटीक कार्रवाई। नतीजा, आरोपी दबोच लिए गए और फरारी की सारी उम्मीदें वहीं ढेर हो गईं।
क्या-क्या मिला पुलिस के हाथ
इस बड़े ऑपरेशन में दिल्ली पुलिस को कई अहम चीजें हाथ लगीं:
डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज
नकली पहचान पत्र
लेनदेन से जुड़े सबूत
अंतरराज्यीय नेटवर्क की पूरी रूपरेखा
इन सबूतों ने न सिर्फ मौजूदा मामले को मजबूत किया, बल्कि भविष्य में ऐसे अपराधों पर लगाम लगाने की राह भी आसान कर दी।

दिल्ली पुलिस की रणनीति क्यों रही खास
यह कार्रवाई इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि इसमें जल्दबाज़ी नहीं, बल्कि अनुशासन और धैर्य दिखा। आज के दौर में जहां हर चीज़ तुरंत चाहिए, वहां पुलिस ने पुराने उसूलों को अपनाया—तथ्यों की जांच, सबूतों की पुष्टि और फिर निर्णायक वार।
साथ ही, आधुनिक तकनीक का सही इस्तेमाल किया गया। यानी परंपरा और तकनीक का वो संगम, जो असली जीत दिलाता है।
कानून व्यवस्था पर असर
इस ऑपरेशन के बाद साफ संदेश गया है—अपराध चाहे जितना बड़ा नेटवर्क क्यों न बना ले, कानून की पहुंच से बाहर नहीं है। सात राज्यों में एक साथ कार्रवाई करना आसान नहीं होता, लेकिन जब इरादे मजबूत हों, तो रास्ते खुद बनते हैं।
आम जनता में भी भरोसा बढ़ा है कि पुलिस सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं देती, बल्कि पहले से तैयारी करके अपराध को जड़ से उखाड़ने का दम रखती है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। पूछताछ और जांच के आधार पर और भी खुलासे होने की संभावना है। गिरोह से जुड़े अन्य लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है।
निष्कर्ष
सात राज्यों में छापेमारी और मुंबई एयरपोर्ट तक पीछा—यह ऑपरेशन दिल्ली पुलिस की पेशेवर क्षमता, धैर्य और समर्पण का प्रमाण है। बिना शोर-शराबे के, नियम-कानून के दायरे में रहकर की गई यह कार्रवाई बताती है कि सच्ची मेहनत आज भी रंग लाती है।
Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.
राजस्थान में अपराधों...
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