दो दिनों की तेज़ी के बाद शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार फिसला, निवेशकों में सतर्कता का माहौल
- byAman Prajapat
- 23 December, 2025
📉 दो दिन की रैली के बाद बाजार ने ली सांस
भारतीय शेयर बाजार में दो कारोबारी सत्रों की जबरदस्त तेजी के बाद मंगलवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान में खुले, जिससे साफ संकेत मिला कि निवेशक अब मुनाफावसूली के मूड में हैं। यह गिरावट अचानक नहीं है—बल्कि बाजार की पुरानी फितरत है। लगातार चढ़ाव के बाद थोड़ा ठहराव, थोड़ा डर, थोड़ा हिसाब-किताब।
🕰️ शुरुआती कारोबार का हाल
बीएसई सेंसेक्स शुरुआती घंटों में ही कुछ सौ अंकों की गिरावट के साथ कारोबार करता नजर आया, वहीं एनएसई निफ्टी भी महत्वपूर्ण स्तरों से नीचे फिसल गया। बैंकिंग, आईटी और ऑटो सेक्टर के शेयरों में दबाव देखने को मिला, जबकि एफएमसीजी और फार्मा शेयरों ने कुछ हद तक संतुलन बनाए रखने की कोशिश की।
💰 मुनाफावसूली बनी गिरावट की बड़ी वजह
मार्केट एक्सपर्ट्स की मानें तो पिछले दो दिनों की तेज़ी के बाद निवेशकों ने मुनाफा निकालना ही बेहतर समझा। जिन शेयरों में हालिया तेजी आई थी, उन्हीं में सबसे ज्यादा बिकवाली देखने को मिली। यह कोई घबराहट वाली स्थिति नहीं है, बल्कि एक हेल्दी करेक्शन माना जा रहा है।
🌍 वैश्विक बाजारों से मिले मिले-जुले संकेत
एशियाई बाजारों से मिले-जुले संकेतों का असर भी घरेलू बाजार पर साफ दिखा। अमेरिका और यूरोप के बाजारों में अनिश्चितता, ब्याज दरों को लेकर चिंता और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को थोड़ा सतर्क बना दिया।
🏦 सेक्टोरल प्रदर्शन: किस पर पड़ा सबसे ज्यादा असर
बैंकिंग सेक्टर: प्राइवेट और पीएसयू बैंक शेयरों में दबाव
आईटी सेक्टर: डॉलर की चाल और ग्लोबल डिमांड को लेकर चिंता
ऑटो सेक्टर: मुनाफावसूली का असर
फार्मा व एफएमसीजी: सीमित बढ़त, डिफेंसिव खरीदारी

👥 निवेशकों की मनःस्थिति: डर नहीं, सावधानी
यह गिरावट किसी बड़े संकट का संकेत नहीं है। बाजार में फिलहाल डर नहीं, बल्कि सतर्कता है। छोटे निवेशक थोड़ा रुककर देखना चाहते हैं, जबकि संस्थागत निवेशक आंकड़ों और वैश्विक घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं।
📊 तकनीकी संकेत क्या कहते हैं
तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार, निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ही अपने ओवरबॉट ज़ोन से नीचे आने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ सपोर्ट लेवल्स बेहद अहम हैं—अगर वे टिके रहते हैं तो बाजार दोबारा संभल सकता है।
🧭 आगे की राह: निवेशक क्या करें
पुराने ज़माने का एक ही मंत्र है—
“घबराओ मत, भागो मत, सोचो।”
लॉन्ग-टर्म निवेशक घबराकर बिकवाली न करें
शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स स्टॉप-लॉस के साथ चलें
क्वालिटी स्टॉक्स पर फोकस रखें
अफवाहों से दूर रहें
🧠 निष्कर्ष: बाजार गिरा नहीं, ठहरा है
दो दिन की तेजी के बाद आई यह गिरावट बाजार की सेहत के लिए जरूरी मानी जा रही है। यह याद दिलाती है कि शेयर बाजार कोई सीधी रेखा नहीं, बल्कि लहरों का समंदर है—कभी ऊँचाई, कभी गहराई। जो टिकता है, वही जीतता है।
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