विदेशी फंड निवेश और मजबूत वैश्विक संकेतों से शेयर बाजार में जोरदार उछाल, शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स-निफ्टी चढ़े
- byAman Prajapat
- 22 December, 2025
सुबह की पहली घंटी के साथ ही दलाल स्ट्रीट पर माहौल बदला-बदला सा था। हफ्तों से जिस तेजी की बाजार को तलाश थी, वह आखिरकार विदेशी निवेशकों के दम पर लौट आई। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की मजबूत खरीदारी और वैश्विक बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों ने भारतीय शेयर बाजार को शुरुआती कारोबार में नई ऊर्जा दे दी।
बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों ने मजबूती के साथ कारोबार की शुरुआत की। शुरुआती सत्र में ही बैंकिंग, आईटी, मेटल और ऑटो सेक्टर में जोरदार खरीदारी देखने को मिली, जिससे निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ।
🌍 वैश्विक बाजारों का असर
एशियाई बाजारों में मजबूती और अमेरिकी बाजारों की स्थिरता ने भारतीय बाजार को सहारा दिया। वॉल स्ट्रीट पर टेक्नोलॉजी शेयरों में आई मजबूती और महंगाई को लेकर राहत भरे संकेतों ने वैश्विक निवेशकों का मूड पॉजिटिव किया, जिसका सीधा असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा।
💰 विदेशी निवेश बना तेजी की रीढ़
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, हाल के दिनों में विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी बाजार में दोबारा भरोसा दिखाया है। डॉलर में नरमी, कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता और भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति ने विदेशी फंडों को आकर्षित किया है।
विदेशी निवेशकों की खरीदारी खासतौर पर लार्ज-कैप शेयरों में देखने को मिली, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी को मजबूती मिली।
🏦 किन सेक्टर्स में दिखी जान
बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक्स: प्राइवेट और सरकारी बैंकों में अच्छी खरीदारी
आईटी सेक्टर: अमेरिकी बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों का असर
मेटल और ऑटो: ग्लोबल डिमांड में सुधार की उम्मीद
📊 घरेलू निवेशकों की भूमिका
जहां एक ओर विदेशी निवेशकों ने बाजार को गति दी, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने भी बाजार को स्थिर बनाए रखा। रिटेल निवेशकों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है, जो बाजार के लिए लंबी अवधि में सकारात्मक संकेत मानी जा रही है।

⚠️ आगे क्या रहेगी नजर
हालांकि शुरुआती तेजी ने निवेशकों को राहत दी है, लेकिन बाजार की नजर आने वाले आर्थिक आंकड़ों, महंगाई दर, ब्याज दरों और वैश्विक भू-राजनीतिक घटनाक्रम पर बनी रहेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल बाजार का रुख सकारात्मक है, लेकिन उतार-चढ़ाव से इनकार नहीं किया जा सकता।
🧠 विशेषज्ञों की राय
मार्केट एनालिस्ट्स के अनुसार, यदि विदेशी निवेश इसी तरह बना रहता है और वैश्विक संकेत अनुकूल रहते हैं, तो आने वाले दिनों में बाजार और ऊंचाइयों को छू सकता है। हालांकि निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे जल्दबाजी में फैसले न लें और मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों पर ही ध्यान दें।
📌 निष्कर्ष
कुल मिलाकर, विदेशी फंडों की वापसी और वैश्विक बाजारों से मिले मजबूत संकेतों ने भारतीय शेयर बाजार को नई दिशा दी है। शुरुआती कारोबार में दिखी यह तेजी निवेशकों के लिए भरोसे का संकेत है, लेकिन सतर्कता अभी भी जरूरी है। बाजार की चाल आने वाले दिनों में कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारकों पर निर्भर करेगी।
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