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तापसी पन्नू का खुलासा: “बरसों तक हर निर्देशक चाहता था कि मैं अपने बाल सीधे कर लूं”

तापसी पन्नू का खुलासा: “बरसों तक हर निर्देशक चाहता था कि मैं अपने बाल सीधे कर लूं”

बॉलीवुड की चमक-दमक के पीछे एक सच्चाई छुपी होती है — ऐसी सच्चाई जो मेकअप रूम की रोशनी में नहीं, बल्कि कलाकार के मन में चलती है। तापसी पन्नू ने हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में उसी सच्चाई का पर्दाफाश किया है, जिसे इंडस्ट्री बरसों से चुपचाप ढोती आई है।

तापसी पन्नू, जो आज अपने दमदार किरदारों, बेबाक राय और बिना समझौते वाले रवैये के लिए जानी जाती हैं, उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अपने करियर के शुरुआती सालों में उन्हें बार-बार यह सुनने को मिला कि उनके कर्ली बाल “हीरोइन जैसे नहीं लगते”।

उन्होंने बताया कि लगभग हर निर्देशक की पहली सलाह यही होती थी —
“बाल सीधे कर लो, तभी कैमरे पर ठीक लगोगी।”

यह कोई छोटी बात नहीं थी। यह उस मानसिकता का आईना है जिसमें सुंदरता को एक तय साँचे में फिट कर दिया गया है।

🎭 सुंदरता के पुराने पैमाने

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री लंबे समय से कुछ तय नियमों पर चलती आई है — गोरी त्वचा, सीधे बाल, पतला शरीर और एक खास तरह की मुस्कान। इन नियमों के बाहर जो भी आता है, उसे या तो बदलना पड़ता है या फिर इंतज़ार करना पड़ता है।

तापसी ने बताया कि कई बार उन्हें ऐसा महसूस कराया गया कि अगर वह “खुद जैसी” रहीं, तो शायद काम मिलना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन उन्होंने वही किया जो बहुत कम लोग करने की हिम्मत रखते हैं — खुद को नहीं बदला।

🧠 मानसिक दबाव और आत्मसम्मान

तापसी का कहना है कि यह सिर्फ बालों की बात नहीं थी, बल्कि आत्मसम्मान की लड़ाई थी। हर बार खुद को आईने में देखकर यह सोचना कि क्या मैं पर्याप्त हूं — यही सबसे बड़ी चुनौती थी।

उन्होंने यह भी कहा कि इंडस्ट्री में नए कलाकारों पर यह दबाव और भी ज्यादा होता है क्योंकि उनके पास विकल्प कम होते हैं। काम चाहिए तो समझौता करना ही पड़ता है — यही सोच उन्हें सबसे ज्यादा परेशान करती थी।

🔥 बदलाव की शुरुआत

समय बदला, सिनेमा बदला और दर्शक भी बदले। आज वही तापसी पन्नू हैं जिनके कर्ली बाल उनकी पहचान बन चुके हैं। अब उन्हें बदलने की सलाह नहीं मिलती, बल्कि उनकी अलग पहचान की तारीफ होती है।

तापसी मानती हैं कि यह बदलाव आसान नहीं था, लेकिन जरूरी था। उन्होंने कहा कि अगर एक कलाकार खुद को स्वीकार नहीं करेगा, तो दुनिया भी नहीं करेगी।

🎬 नई पीढ़ी के लिए संदेश

अपने इंटरव्यू में तापसी ने नए कलाकारों को साफ संदेश दिया —
“अगर आप हर किसी को खुश करने निकलोगे, तो खुद को खो दोगे।”

उनका मानना है कि इंडस्ट्री में टिकने के लिए हुनर जरूरी है, ना कि किसी तय सुंदरता के पैमाने में फिट होना।

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🌿 सच्चाई, संघर्ष और स्वीकृति

तापसी पन्नू की यह कहानी सिर्फ एक अभिनेत्री की नहीं है, बल्कि उन तमाम लोगों की है जिन्हें समाज कभी न कभी यह कह देता है कि “तुम वैसे नहीं हो जैसे होना चाहिए।”

लेकिन सच्चाई यही है —
जो अपने जैसा रहता है, वही लंबे समय तक याद रखा जाता है।

✨ निष्कर्ष

तापसी पन्नू का यह बयान बॉलीवुड के चमकदार चेहरे के पीछे छुपी सच्चाई को सामने लाता है। यह दिखाता है कि बदलाव तब आता है जब कोई “ना” कहने की हिम्मत करता है।

आज तापसी सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि उन आवाज़ों की प्रतिनिधि हैं जो अब चुप नहीं रहना चाहतीं।

और सच कहें तो —
सीधे बाल तो हर कोई कर सकता है, लेकिन सीधा स्टैंड लेना सबके बस की बात नहीं।


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