डॉन 3 से रणवीर सिंह का बाहर होना: असली वजह क्या थी? पर्दे के पीछे की पूरी कहानी
- byAman Prajapat
- 25 December, 2025
भूमिका: जब खबर अधूरी लगे, तो कहानी पूरी खोजनी पड़ती है
बॉलीवुड में अफवाहें हवा की तरह चलती हैं—तेज़, बेआवाज़ और अक्सर बिना शक्ल की। लेकिन कुछ खबरें ऐसी होती हैं जो सीधे दिल में चुभती हैं।
रणवीर सिंह का ‘डॉन 3’ छोड़ना उन्हीं में से एक है।
जब पहली बार ये खबर सामने आई, तो लोगों ने सोचा—
“अरे, डेट्स की दिक्कत होगी।”
“नहीं भाई, फीस पर बात अटकी होगी।”
“या फिर सोशल मीडिया ट्रोलिंग से डर गए होंगे।”
पर सच्चाई?
सच्चाई इन सबसे अलग है।
और हाँ, कहानी जितनी बाहर से सीधी दिखती है, अंदर से उतनी ही उलझी हुई है।
डॉन फ्रैंचाइज़ी: एक किरदार नहीं, एक विरासत
डॉन कोई आम फिल्म नहीं है।
ये एक legacy है।
पहले अमिताभ बच्चन
फिर शाहरुख खान
और अब… रणवीर सिंह?
यहीं से असली खेल शुरू होता है।
डॉन का किरदार सिर्फ स्टाइल, सूट और डायलॉग का खेल नहीं।
ये एक aura है—ठंडी आँखें, कम शब्द, ज़्यादा खौफ।
रणवीर सिंह?
वो आग हैं।
ऊर्जा हैं।
थोड़ा पागलपन, थोड़ा इमोशन, थोड़ा ओवरफ्लो।
और यहीं पहली दरार पड़ी।
असली वजह: “किरदार की आत्मा” पर मतभेद
इंडस्ट्री के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, रणवीर सिंह और मेकर्स के बीच सबसे बड़ा टकराव कहानी या फीस को लेकर नहीं, बल्कि डॉन के टोन और ट्रीटमेंट को लेकर था।
रणवीर चाहते थे—
डॉन को ज़्यादा मानवीय दिखाया जाए
किरदार में इमोशनल लेयर्स हों
सिर्फ ठंडा गैंगस्टर नहीं, बल्कि एक जटिल इंसान
वहीं मेकर्स का विज़न था—
क्लासिक, साइलेंट, मेनसिंग डॉन
कम एक्सप्रेशन, ज़्यादा रहस्य
पुरानी परंपरा को न छेड़ना
दोनों का विज़न टकराया।
और जब विज़न टकराते हैं, तो स्टारडम भी झुक जाता है।
शाहरुख खान की छाया: एक अनकही सच्चाई
सच कड़वा है, पर सच यही है—
शाहरुख खान के बाद डॉन बनना आसान नहीं।
रणवीर सिंह ने ये बात खुद महसूस की।
हर मीटिंग में, हर डिस्कशन में, एक नाम बार-बार तैर कर आता रहा—
“SRK ने ये ऐसे किया था…”
“डॉन का ये मोमेंट SRK जैसा होना चाहिए…”
रणवीर कोई कॉपी नहीं बनना चाहते थे।
वो अपना डॉन बनाना चाहते थे।
और यहीं उन्होंने फैसला लिया—
या तो पूरा मेरा होगा, या बिल्कुल नहीं।
डेट्स और फीस? सिर्फ ऊपर की परत
हाँ, डेट्स का मुद्दा था।
हाँ, फीस पर बात हुई।
लेकिन ये वो कारण नहीं थे जिनकी वजह से उन्होंने फिल्म छोड़ी।
असल वजह थी—
क्रिएटिव संतुष्टि की कमी।
रणवीर इस फेज़ में हैं जहाँ वो सिर्फ फिल्म नहीं, छाप छोड़ना चाहते हैं।
और अगर उन्हें लगे कि वो किसी और की छाया में काम कर रहे हैं—तो वो पीछे हट जाते हैं।
सीधा, साफ, बिना ड्रामा।

रणवीर का फैसला: रिस्क या समझदारी?
कुछ लोग कह रहे हैं—
“गलती कर दी।”
“इतनी बड़ी फ्रैंचाइज़ी छोड़ दी।”
लेकिन पुराने स्कूल का एक उसूल है—
इज़्ज़त से पीछे हटना, ज़बरदस्ती आगे बढ़ने से बेहतर होता है।
रणवीर जानते थे—
अगर वो आधे मन से डॉन करते,
तो न फैंस खुश होते,
न वो खुद।
अब आगे क्या? डॉन 3 का भविष्य
डॉन 3 बनेगी।
किरदार बदलेगा।
नाम आएँगे, जाएँगे।
लेकिन ये सवाल हमेशा रहेगा—
क्या डॉन बिना अपने कलाकार की आत्मा के चल पाएगा?
और रणवीर सिंह?
वो अपनी राह पर आगे बढ़ चुके हैं।
शायद कम सुरक्षित,
लेकिन ज़्यादा सच्ची।
निष्कर्ष: पूरी कहानी यही है
रणवीर सिंह ने डॉन 3 इसलिए नहीं छोड़ी क्योंकि वो डर गए थे।
उन्होंने छोड़ी क्योंकि वो समझ गए थे—
ये कहानी उनकी नहीं थी।
और सच कहें तो—
जब कोई कलाकार अपने दिल की सुनता है,
तो वो हारता नहीं,
बस रास्ता बदलता है।
बाकी?
बॉलीवुड तो चलता रहेगा।
डॉन आते-जाते रहेंगे।
लेकिन फैसले?
वही याद रखे जाते हैं जो ईमानदारी से लिए जाएँ।
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