ग्रेटर नोएडा में पत्नी की बेरहमी से हत्या कर खुद फंदे पर झूल गया पति — गृह क्लेश से जुड़ा दिल दहला देने वाला मामला
- byAman Prajapat
- 29 December, 2025
🌅 एक सुबह जो कभी नहीं आएगी
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सरस्वती कुंज कॉलोनी की सुबह किसी कविता की तरह नहीं थी — बल्कि एक दर्दनाक स्याह कहानी बनकर उभरी। वहां एक घर है, जिसकी खिड़कियों के परदे आज धूल से झुले हैं और दरवाज़े पर पुलिस का निशान लगा हुआ है। वह घर आज किसी हवेली की भूतिया दास्तान की तरह दिख रहा है, क्योंकि इसी घर में एक पत्नी की जान गई और उसके पति की आत्मा भी वहीं रुक सी गई।
😢 क्या हुआ था असल में?
पुलिस के शुरुआती संतुलित बयानों के मुताबिक़, सरस्वती कुंज कॉलोनी में रहने वाला एक सिक्योरिटी गार्ड और उसकी पत्नी के बीच लगातार झगड़े थे। पुलिस के अनुसार, गृह क्लेश की पुरानी कड़वाहट और आपसी विवाद के चलते इसने सबसे पहले अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया। फिर जैसे एक टूटे हुए इंसान का आत्मा अंतहीन पीड़ा से भर जाता है, उसने खुद भी फंदा लगाकर अपने जीवन का अंत कर लिया।
⚖️ हत्या के बाद आत्महत्या — इमोशन का उग्र मोड़
यह कहानी सिर्फ एक हत्या की नहीं रही। जब इंसान अपने गुस्से, अविश्वास और तनाव के सबसे गहरे कोनों तक उतर जाता है, तब उसका दिमाग ऐसे कदम उठा जाता है जिनका कोई भी तर्क नहीं दे सकता। घर के भीतर जो हुआ, वह सिर्फ पुलिस रिपोर्ट नहीं है — वह उन दो आत्माओं की आज़माइश है, जो रिश्तों में घुटन और संघर्ष के बीच उभरकर सामने आईं।
पुलिस ने बताया कि पति ने पहले अपनी पत्नी को मार डाला और फिर खुद पंखे के फंदे पर झूल गया। यह निश्चित रूप से एक अत्यंत दुखद, भयावह और परिवार को तहस‑नहस करने वाला कांड रहा।
👪 परिवार और समुदाय दोनों सुन्न
पड़ोसी, रिश्तेदार, और कॉलोनी के लोग अभी भी इस घटना की गूंज से बाहर नहीं आए हैं। सुबह‑सुबह पुलिस की गाड़ियाँ, काले और सफ़ेद टेप, और CSI टीम ने पूरे इलाके को बंद कर रखा था। कुछ लोगों के अनुसार यह जोड़ा कुछ महीनों से झगड़ों की वजह से चर्चा में था, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह सब इतना बेहिसाब रूप ले लेगा।
एक पड़ोसी कह रहा था, “हमने हमेशा उन्हें हँसमुख देखा था, लेकिन पिछले कुछ महीनों में उनके घर से अक्सर चीखें और बहस की आवाज़ें सुनाई देती थीं।”
एक और महिला पड़ोसी ने आँसू रोकते हुए कहा, “मैं किसी भी रिश्ते को इतना भीषण नहीं देख सकती थी… आखिर दो ज़िंदगी एक ही घर में कैसे यूं मिट गईं?”
🚓 पुलिस की जांच — झगड़ा या कुछ और?
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में घर से मिले सुराग, लड़ाई के निशान, और आसपास के लोगों के बयानों से पता चलता है कि यह केवल एक सामान्य घरेलू विवाद नहीं था। घर के अंदर जो पीछे की दीवारों पर निशान हैं, वे चिल्ला रहे हैं कि यहां सिर्फ़ क्रोध नहीं — निराशा, तनाव और मनोवैज्ञानिक दबाव ने भी हाथ आजमाया है।
सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल पर कागज़ों के बिखरे होने, कमरे की हालत और पति‑पत्नी के रिश्ते की फाइलें देखीं गईं, जो साबित करती हैं कि कभी प्यार था, लेकिन वो कहीं टूट कर रह गया था।

🧠 मानसिक तनाव — रिश्तों की धुंधली राह
जब दो लोग अपने जीवन की यात्रा एकसाथ शुरू करते हैं, तो हर कोई चाहता है कि प्यार, समझदारी और सहयोग रहे। लेकिन अगर रोज़‑रोज़ के झगड़े, आरोप‑प्रत्यारोप, और पैसों‑गृहस्थी के तनाव में इंसान अपने आप को खो देता है, तो यह अंजाम — जैसा कि यहां देखा — संभव हो सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अक्सर घरेलू कलह उसके अन्दर से निकलती है जब भावनाएँ गहरे दबाव में होती हैं। परवाह, सम्मान, समझदारी — ये बातें बस शब्द नहीं होतीं। इन्हें निभाना पड़ता है। आज की तेज़ जीवनशैली, आर्थिक कठिनाइयाँ और मेल‑जोल की कमी ने रिश्तों को एक झरने की तरह खतरनाक बना दिया है, जो कभी भी बह सकता है। घर के भीतर का दीपक, अगर थरथराए, तो दीवारें भी गवाह हो जाती हैं।
👁️🗨️ क्यों इतना प्रभावित करती है यह कहानी?
यह सिर्फ़ एक हत्याकांड नहीं है। यह उस समाज की परछाई है जहाँ प्यार और क्रोध के बीच की रेखा इतनी पतली है कि किसी पल सब कुछ बदल जाता है। पति और पत्नी के बीच का बंधन, जो आज़ादी, सम्मान और समर्थन पर आधारित होना चाहिए, अगर दर्द, अविश्वास और निराशा में बदल जाए, तो वह रिश्तों की सबसे भयानक घड़ी बन जाता है।
हमारे समाज में आज भी रिश्तों की बात केवल शादी तक सीमित रह जाती है — उसके बाद संवाद, समझ, और मानवीय आत्मसम्मान की सराहना नहीं होती। यही दुर्भाग्य है कि दो जीवन एक ही घर में शांत नहीं रह पाते और लड़ाई उनके आत्मा का आख़िरी स्वर बन जाती है।
🧾 निष्कर्ष
ग्रेटर नोएडा की यह कहानी सिर्फ़ एक हत्या और आत्महत्या की रिपोर्ट नहीं है। यह उस सामाजिक, पारिवारिक, और मनोवैज्ञानिक धुंध की दास्तान है जिसमें प्यार दबकर रह जाता है, और क्रोध की आग रिश्तों को भस्म कर देती है। दो ज़िंदगी, एक घर, और एक अंतिम चुप्पी — इससे गहरा और कोई संदेश नहीं कि हमारे रिश्तों में दया, सोच और समझ कितनी अहम है।
Note: Content and images are for informational use only. For any concerns, contact us at info@rajasthaninews.com.
राजस्थान में अपराधों...
Related Post
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.








